सापेक्ष मूल्यांकन (Relative Valuation) – जब तुलना ही बताती है सही कीमत!

हम सबने अपने जीवन में कभी न कभी किसी चीज़ की कीमत का अंदाज़ा सिर्फ तुलना (Comparison) से लगाया है – चाहे वो मोबाइल हो, घर हो या कोई दूसरा प्रोडक्ट। यही विचारधारा फाइनेंशियल वैल्यूएशन में Relative Valuation कहलाती है।


🔍 क्या है Relative Valuation?

Relative Valuation एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी कंपनी या एसेट की वैल्यू इस आधार पर तय की जाती है कि बाजार में उस जैसी अन्य कंपनियों या एसेट्स की कीमत क्या है। इसे तुलनात्मक मूल्यांकन भी कह सकते हैं।

यह Fast, Practical और Real-World Thinking से जुड़ी हुई approach है।


🏘️ आसान उदाहरण: Real Estate से समझें

मान लीजिए आप किसी शहर के एक इलाके में Flat खरीदना चाहते हैं। आप सबसे पहले ये देखेंगे कि आस-पास के Flats कितने में बिके हैं। अगर पास वाले Society में वैसा ही Flat ₹90 लाख में बिका है, तो आपको अंदाज़ा मिल जाएगा कि आपकी Deal fair है या नहीं।

Stock Market में भी यही logic लगता है – सिर्फ flats की जगह companies होती हैं और price की जगह valuation multiples।


📊 Common Relative Valuation Multiples

1. Trading Multiples

इनका उपयोग listed companies के लिए किया जाता है:

  • P/E Ratio (Price to Earnings)

  • EV/EBITDA

  • P/B Ratio (Price to Book Value)

उदाहरण:
अगर किसी कंपनी का P/E Ratio 12 है और उसी सेक्टर की अन्य कंपनियाँ 18-20 के P/E पर ट्रेड कर रही हैं, तो यह कंपनी undervalued मानी जा सकती है।

2. Transaction Multiples

जब कोई कंपनी किसी अन्य कंपनी को खरीदती है (M&A Deal), तो उस डील में जो वैल्यूएशन मिला होता है उसे Transaction Multiple कहते हैं।

उदाहरण:
अगर पिछले साल एक NBFC को 3x P/B Ratio पर acquire किया गया था, और अब कोई similar कंपनी 2.2x पर मिल रही है, तो वह deal सस्ती मानी जा सकती है।


📈 क्यों जरूरी है Relative Valuation?

  • ✅ यह कम assumptions के साथ quick valuation देता है

  • ✅ Peer Comparison की सुविधा मिलती है

  • ✅ Industry Trends और Market Sentiment को reflect करता है

  • ✅ Beginners के लिए भी easy to use method


⚠️ ध्यान देने योग्य बातें

  • ❌ यह method Market Mood पर heavily dependent होती है

  • ❌ तुलना करते समय companies के internal factors को नज़रअंदाज़ करना गलती हो सकती है

  • ❌ सस्ते दिखने वाले स्टॉक्स quality में खराब हो सकते हैं (Value Trap)

इसलिए बेहतर होगा कि आप Relative Valuation को Absolute Valuation (जैसे DCF) के साथ combine करें।


📚 Best Practices:

  • कम से कम 3-5 साल का Historical Data Analyze करें

  • Sector या Industry Average के साथ तुलना करें

  • Multiples के Max, Min और Mean trends देखें

  • Peer Companies का Size, Growth और Risk profile compare करें


📌 निष्कर्ष

Relative Valuation एक real-world technique है जो investor को यह समझने में मदद करती है कि कोई स्टॉक या एसेट बाकी Market Options की तुलना में सस्ता है या महँगा।

"Price looks cheap – but cheap compared to what?"

इसलिए, सिर्फ Ratio देखकर फैसला न लें – Context और Comparison दोनों ज़रूरी हैं।


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