1. निवेश पर प्रतिफल की अवधारणा (Concept of Return on Investment
निवेशक अपने निवेश से जो कमाई करता है उसे प्रतिफल (Return) कहा जाता है।
इसमें कैपिटल गेन्स (मूलधन में वृद्धि) और इन्कम (जैसे डिविडेंड या ब्याज) शामिल होते हैं।
2. रिटर्न की गणना – सरल, वार्षिकीकृत और चक्रवृद्धि (Calculation of Returns – Simple, Annualized, and Compounded)
सरल प्रतिफल (Simple Return) = (अंतिम मूल्य - प्रारंभिक मूल्य + प्राप्त आय) / प्रारंभिक मूल्य
वार्षिकीकृत रिटर्न (Annualized Return): विभिन्न अवधियों के निवेश को तुलनात्मक रूप से देखने में सहायक होता है।
जहाँ = वर्षों की संख्या
चक्रवृद्धि प्रतिफल (Compounded Return or CAGR) भी समय के साथ धन के विकास को दर्शाता है।
3. निवेश में जोखिम और बाजार जोखिम का मापन (Measurement of Investment and Market Risk)
जोखिम का अर्थ है कि निवेश का वास्तविक प्रतिफल अनुमानित प्रतिफल से भिन्न हो सकता है।
जोखिम का मापन आमतौर पर प्रत्याशित प्रतिफल की मानक विचलन (Standard Deviation) से किया जाता है।
बाजार जोखिम वह जोखिम है जो पूरे बाजार या किसी विशेष वर्ग को प्रभावित करता है और इससे बचा नहीं जा सकता (जैसे आर्थिक मंदी)।
4. संवेदनशीलता विश्लेषण और सुरक्षा मार्जिन की अवधारणा (Sensitivity Analysis and Margin of Safety)
संवेदनशीलता विश्लेषण (Sensitivity Analysis) यह दिखाता है कि जब मान्यताएँ बदलती हैं तो निवेश का परिणाम कैसे प्रभावित होता है।
सुरक्षा मार्जिन (Margin of Safety) निवेश का वह स्तर है जिस पर निवेशक किसी भी नकारात्मक परिस्थिति के लिए सुरक्षित रहता है।
5. इक्विटी और बॉन्ड रिटर्न का तुलनात्मक विश्लेषण (Comparison of Equity and Bond Returns)
इक्विटी में उच्च प्रतिफल की संभावना होती है परन्तु उच्च जोखिम के साथ।
बॉन्ड अपेक्षाकृत स्थिर आय प्रदान करते हैं परंतु प्रतिफल कम हो सकता है।
इक्विटी में कैपिटल गेन्स + डिविडेंड, जबकि बॉन्ड में कूपन भुगतान + परिपक्वता मूल्य होता है।
6. जोखिम समायोजित रिटर्न की गणना (Calculation of Risk-adjusted Returns)
शार्प अनुपात (Sharpe Ratio):
जहाँ = पोर्टफोलियो रिटर्न, = रिस्क-फ्री रिटर्न, = पोर्टफोलियो का स्टैंडर्ड डेविएशन
यह दिखाता है कि प्रति यूनिट जोखिम के लिए कितना अतिरिक्त रिटर्न मिल रहा है।
7. निवेश प्रतिफल को प्रभावित करने वाले व्यवहारगत पूर्वाग्रह (Behavioral Biases Affecting Investment Returns)
निवेशक अक्सर भावनाओं और मानसिक पूर्वाग्रहों के कारण तर्कहीन निर्णय लेते हैं:
ओवरकॉनफिडेंस बायस: अपनी जानकारी या निर्णय क्षमता को अधिक आंकना।
लॉस एवर्शन: नुकसान के डर से लाभ कम करना।
हर्ड मेंटैलिटी: भीड़ का अनुसरण करना।
एंकरिंग बायस: एक आरंभिक जानकारी से अत्यधिक प्रभावित होना।