निवेश की वापसी और निवेश पर वापसी (ROI) की Basic Understanding
जब भी हम Investment की बात करते हैं, तो हमारा मुख्य उद्देश्य होता है:
Return कमाना
और सबसे जरूरी – Capital Protection यानी निवेश की गई पूंजी की सुरक्षा।
हर निवेशक चाहता है कि उसकी पूंजी न केवल सुरक्षित रहे, बल्कि उस पर अच्छा Profit भी मिले। इसी सोच के आधार पर हमें Investment को Evaluate करना चाहिए।
Investment Return की Nature
Return सिर्फ यह नहीं बताता कि आपने कितने पैसे कमाए – बल्कि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने कितने पैसों को Invest किया था। यानी Return का सही मूल्यांकन तभी होता है जब हम उसे Investment amount के साथ Relate करते हैं।
Return तीन Important Parameters पर आधारित होता है:
Level of Return: आपने कुल कितना कमाया?
Volatility: Return में उतार-चढ़ाव कितना है?
Type of Return: क्या यह Regular Income (जैसे डिविडेंड या ब्याज) है या Capital Appreciation (जैसे शेयर की कीमत बढ़ना)?
ROI (Return on Investment) क्या होता है?
Return on Investment (ROI) एक Simple Ratio है जो यह दिखाता है कि आपने किसी Investment पर कितनी Profitability पाई। इसे हम नीचे दिए गए Formula से Calculate करते हैं:
Example:
अगर आपने ₹10,000 Invest किए और एक साल बाद आपको ₹1,500 का Net Profit हुआ,
तो ROI = (1500 / 10000) × 100 = 15%
Higher ROI = Better Investment?
सामान्य तौर पर, Higher ROI का मतलब होता है कि Investment ज्यादा Effective है। लेकिन यहाँ एक बात ध्यान रखने की है — हर Investment में Risk भी जुड़ा होता है।
Fixed Deposit का ROI कम हो सकता है लेकिन वह Safe होता है।
Equity या Mutual Funds में ROI ज्यादा हो सकता है, पर उसमें Uncertainty भी होती है।
ROI का Limitation
ROI एक Basic Tool है, Decision-Making में मदद करता है, लेकिन कुछ Limitations भी हैं:
Time Factor को Ignore करता है – एक साल और पांच साल के Return की तुलना नहीं की जा सकती सिर्फ ROI से।
Risk को नहीं दिखाता – दो Investment का ROI बराबर हो सकता है लेकिन उनमें Risk अलग-अलग हो सकता है।
Assumption पर आधारित – जब हम Equity, Mutual Funds जैसी जगहों पर निवेश करते हैं, तो ROI अनुमानित होता है। यह पिछले Returns पर आधारित होता है, भविष्य के लिए Guarantee नहीं।
Final Thoughts
Investment करते समय सिर्फ ROI को देखना पर्याप्त नहीं होता। आपको यह भी समझना चाहिए कि Return कहां से आ रहा है, कितना Risk जुड़ा है और Investment कितने Time Horizon के लिए है।
एक समझदार Investor वही होता है जो Return के साथ-साथ Risk, Time और Nature of Investment को भी अच्छे से Analyze करता है।