Enterprise Value एंटरप्राइज वैल्यू क्या है?

एंटरप्राइज वैल्यू (Enterprise Value) क्या होती है? आसान भाषा में समझें

परिचय:
जब हम किसी कंपनी की असली कीमत जानना चाहते हैं, तो केवल उसके शेयरों की कीमत या मार्केट कैपिटलाइजेशन से काम नहीं चलता। इसके लिए एक व्यापक मानक होता है — Enterprise Value (EV)। यह कंपनी के कुल मूल्य का एक समग्र माप है, जिसमें कंपनी के पास मौजूद अलग-अलग तरह की पूंजी को जोड़ा जाता है।


Enterprise Value (EV) क्या है?

EV यानी एंटरप्राइज वैल्यू, किसी कंपनी का कुल मूल्य दर्शाती है। यह न सिर्फ शेयरधारकों की पूंजी (Equity), बल्कि कंपनी पर जो कर्ज है (Debt), वह भी शामिल करता है। साथ ही कंपनी के पास मौजूद नकद और निवेश को घटाया जाता है क्योंकि ये पहले से कंपनी के पास मौजूद संसाधन होते हैं।

EV का सूत्र (Formula):

EV = सामान्य इक्विटी का मूल्य (Common Equity) + अल्पसंख्यक हिस्सेदारी (Non-controlling Interest) + पसंदीदा पूंजी (Preferred Capital) + कुल कर्ज (Debt) – नकद और नकद समतुल्य व वित्तीय निवेश (Cash, Cash Equivalents and Financial Investments)

यदि कुछ घटकों का बाजार मूल्य (Fair Market Value) उपलब्ध नहीं है, तो उनके बैलेंस शीट पर दिखाए गए मूल्य को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।


उदाहरण से समझें:

कंपनी की बैलेंस शीट का सारांश (Rs. में करोड़):

घटक राशि

सामान्य इक्विटी

12.5

पसंदीदा पूंजी

8.5

कर्ज (Debt)

6.4

नकद और समतुल्य

2.5

वित्तीय निवेश

1.4

अतिरिक्त जानकारी:

  • कंपनी की सामान्य इक्विटी में 10,00,000 शेयर हैं, जिनका फेस वैल्यू Rs.10 है।

  • ये शेयर मार्केट में Rs.340 प्रति शेयर की दर से ट्रेड हो रहे हैं।

  • पसंदीदा शेयर और कर्ज की वैल्यू बैलेंस शीट के अनुसार मानी जाएगी क्योंकि ये सूचीबद्ध नहीं हैं।

  • वित्तीय निवेश का मूल्य फेयर वैल्यू पर दिखाया गया है।


Enterprise Value की गणना:

1. मार्केट कैपिटलाइजेशन =
= 10,00,000 शेयर × Rs.340 प्रति शेयर
= Rs.34 करोड़

2. अब EV का हिसाब लगाएं:

EV = 34 (मार्केट कैप) + 8.5 (पसंदीदा पूंजी) + 6.4 (कर्ज) – 2.5 (नकद) – 1.4 (वित्तीय निवेश) EV = Rs.45 करोड़


निष्कर्ष:

Enterprise Value एक ऐसा टूल है जो किसी कंपनी के मूल्य का अधिक समग्र और यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है। यह केवल इक्विटी नहीं, बल्कि कंपनी के सभी पूंजी स्रोतों और दायित्वों को ध्यान में रखता है। निवेशकों और विश्लेषकों के लिए EV एक बेहद महत्वपूर्ण मीट्रिक है जब वे कंपनी की वास्तविक कीमत और अधिग्रहण लागत का मूल्यांकन करते हैं।


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