Earnings के प्रकार – Historical, Trailing और Forward Earnings

  Earnings के प्रकार – Historical, Trailing और Forward Earnings को सरल हिंदी में समझें


परिचय:

जब हम किसी कंपनी का विश्लेषण करते हैं, खासकर निवेश के दृष्टिकोण से, तो एक शब्द बार-बार सामने आता है — Earnings यानी "कमाई" या "लाभ"।
लेकिन हर कमाई एक जैसी नहीं होती। समय के आधार पर Earnings को तीन प्रकारों में बांटा जाता है:

  • Historical Earnings

  • Trailing Earnings

  • Forward Earnings

इस ब्लॉग में हम इन तीनों प्रकारों को आसान भाषा में समझेंगे।


🕰️ 1. Historical Earnings (इतिहासिक कमाई):

मतलब:

Historical Earnings का अर्थ है कंपनी ने पिछले वर्षों में कितना मुनाफा कमाया है। यह आमतौर पर एक या उससे अधिक फाइनेंशियल ईयर के रिकॉर्डेड डेटा पर आधारित होता है।

उपयोग:

  • निवेशक कंपनी के प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड देखने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

  • यह बताता है कि कंपनी ने कितनी स्थिरता और लाभप्रदता के साथ पहले काम किया है।

उदाहरण:

अगर कंपनी ने 2022-23 में Rs.100 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया, तो वह उसकी Historical Earnings मानी जाएगी।


📅 2. Trailing Earnings (पिछली 12 महीनों की कमाई):

मतलब:

Trailing Earnings पिछले 12 महीनों (Trailing Twelve Months - TTM) की कमाई होती है। यह लगातार अपडेट होती रहती है — जैसे ही नया तिमाही डेटा आता है, यह ताज़ा हो जाता है।

उपयोग:

  • इसका उपयोग अक्सर P/E Ratio निकालने के लिए किया जाता है:

    Trailing P/E = Market Price per Share ÷ Trailing EPS

  • यह सबसे हालिया प्रदर्शन को दर्शाता है।

उदाहरण:

मान लीजिए आज मई 2025 है, तो Trailing Earnings में जुलाई 2024 से मार्च 2025 तक के चार तिमाहियों का डेटा शामिल होगा।


🔮 3. Forward Earnings (भविष्य की अनुमानित कमाई):

मतलब:

Forward Earnings कंपनी की आने वाले 12 महीनों में होने वाली संभावित कमाई का अनुमान होता है। यह एनालिस्ट्स और मैनेजमेंट द्वारा किए गए पूर्वानुमानों पर आधारित होता है।

उपयोग:

  • भविष्य की संभावनाओं का मूल्यांकन करने में मदद करता है।

  • इसका उपयोग Forward P/E Ratio निकालने में किया जाता है:

    Forward P/E = Market Price per Share ÷ Estimated Future EPS

  • ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश करने वाले इसे खास तौर पर देखते हैं।

उदाहरण:

अगर किसी एनालिस्ट को लगता है कि कंपनी अगले साल Rs.120 करोड़ का प्रॉफिट कमाएगी, तो वह Forward Earnings कहलाएगा।


📊 एक तुलना तालिका:

Earnings का प्रकार समय का आधार डेटा का प्रकार प्रमुख उपयोग

Historical

अतीत

रिकॉर्डेड

ट्रैक रिकॉर्ड देखने के लिए

Trailing

पिछले 12 महीने

अपडेटेड रियल डेटा

P/E और हालिया प्रदर्शन

Forward

भविष्य

अनुमानित

ग्रोथ की संभावनाएँ आँकने के लिए


निष्कर्ष:

Earnings के ये तीन प्रकार — Historical, Trailing, और Forward — किसी कंपनी के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक समझदार निवेशक इन सभी को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है, ताकि वह न केवल अतीत, बल्कि वर्तमान और भविष्य की तस्वीर भी देख सके।


क्या आप पहले से इन Earnings टर्म्स के बारे में जानते थे? कौन-सा सबसे ज्यादा उपयोगी लगता है? कमेंट में बताएं और पोस्ट को शेयर करें!

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