Earnings Yield & P/E Ratio – क्या आपका शेयर सस्ता है या महंगा?"

 जब Dividend Yield कम हो, तो अगला कदम होता है – Earnings Yield को समझना।

यह स्टॉक वैल्यूएशन का एक Income-Based Indicator है जो बताता है कि आप अपने निवेश के बदले कितना कमा रहे हैं।


📊 Earnings Yield क्या होता है?

Earnings Yield का मतलब है:

🔹 Earnings Yield = EPS (Earnings Per Share) ÷ Current Market Price

यह सीधे बताता है कि हर 100 रुपये के निवेश पर कंपनी आपको कितनी कमाई (Profit) दे रही है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी शेयर की EPS ₹10 है और कीमत ₹100 है, तो Earnings Yield = 10% होगी।


🔁 इसका उल्टा क्या है? P/E Ratio!

P/E Ratio, यानी Price to Earnings Ratio, सबसे ज्यादा Use होने वाला वैल्यूएशन टूल है।

🔹 P/E Ratio = Current Market Price ÷ EPS

यह दर्शाता है कि 1 रुपये की कमाई के लिए निवेशक कितनी Price देने को तैयार है

उसी उदाहरण से – EPS ₹10 और Price ₹100
➡️ P/E Ratio = 10

इसका मतलब: आप ₹10 कमाई के लिए ₹100 दे रहे हैं।


🧠 निवेशकों की सोच – Higher P/E क्यों?

P/E Ratio अकेले ये नहीं बताता कि शेयर महंगा है।
High P/E Ratio तब Justified हो सकता है जब:

  • कंपनी की Future Growth तेज़ हो

  • कंपनी का Risk बहुत कम हो

  • Strong Brand या Monopoly हो

📈 यानी Investor भविष्य की कमाई को लेकर Optimistic है, इसलिए ज़्यादा Price देने को तैयार है।


🧮 Low P/E – सस्ता शेयर?

Low P/E वाले शेयरों को अक्सर Undervalued या Value Stocks माना जाता है।
लेकिन caution ज़रूरी है:

❌ Low P/E मतलब यह नहीं कि स्टॉक Automatically सस्ता है।
➡️ यह भी हो सकता है कि कंपनी की Growth Sluggish हो या Business Risk ज्यादा हो।


🕵️ EPS की टाइमिंग – Past vs Future

Price एक Point-in-time value है, लेकिन EPS एक अवधि (Period) की कमाई है।
इसलिए EPS का चयन सावधानी से होना चाहिए:

  • Trailing EPS: पिछले 12 महीनों की कमाई

  • Forward EPS: अगले 12 महीनों का अनुमान

🔍 कई Investors Forward EPS को ज़्यादा Importance देते हैं – क्योंकि वे Future को देख रहे होते हैं, ना कि सिर्फ Past Performance को।

लेकिन Forward EPS हमेशा अनुमान होता है – इसलिए उसमें Uncertainty भी शामिल होती है।


📌 Conclusion – Earnings Yield vs P/E Ratio

Metric बताता क्या है? Higher Value मतलब?

Earnings Yield

प्रति ₹100 निवेश पर कितनी कमाई हो रही है

सस्ता शेयर (अगर Growth stable है)

P/E Ratio

1 ₹ कमाई के लिए कितनी कीमत देनी पड़ती है

महंगा शेयर (या Growth Expectations high)

Value Investing में इन दोनों metrics को समझना बहुत जरूरी है।
आप सिर्फ P/E देखकर फैसला नहीं कर सकते। Context matters – क्या Future Growth है? क्या Risk low है? क्या EPS sustainable है?


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