क्या है Rights Issue? – निवेशकों के लिए जरूरी गाइड

 📢 जब किसी कंपनी को extra capital की ज़रूरत होती है, तो वह दो रास्ते चुन सकती है:

  1. Existing shareholders से पैसे मांगना

  2. New investors को shares allot करना

अगर कंपनी नए investors को shares देती है, तो पुराने investors की ownership dilute हो जाती है — यानी उनके पास कंपनी का कम हिस्सा रह जाता है। इसे ही Dilution of Holding कहा जाता है।

इससे बचने के लिए कंपनी Act के तहत यह नियम है कि नई equity issue करते समय, कंपनी को पहले अपने existing shareholders को शेयर ऑफर करने चाहिए। इसी को कहते हैं:

👉 Rights Issue


🧾 Rights Issue का मतलब?

Rights Issue एक ऐसा ऑफर होता है जहां कंपनी मौजूदा शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर एक pre-decided ratio और discounted price पर ऑफर करती है।

👉 यह लेना Optional होता है।
👉 आप:

  • ऑफर किए गए शेयर खरीद सकते हैं

  • अपने rights को किसी और को transfer (sell या gift) कर सकते हैं

  • या कुछ भी न करके option को expire होने दे सकते हैं


🧮 एक Example से समझें:

मान लीजिए:

  • A नामक निवेशक के पास किसी कंपनी के 10 शेयर हैं, जिनकी कीमत ₹100 प्रति शेयर है।

  • कंपनी एक 1-for-2 Rights Issue लाती है ₹70 प्रति शेयर पर

तो इसका मतलब है कि A को हर 2 शेयर पर 1 नया शेयर ₹70 में खरीदने का अधिकार मिलेगा।

👉 यानी A कुल 5 नए शेयर ₹70 में खरीद सकता है
👉 इससे उसके पास कुल 15 शेयर हो जाएंगे


💡 क्या फायदा होता है?

  • कंपनी को capital मिलती है

  • निवेशक को discounted price पर शेयर मिलते हैं

  • अगर आप Rights शेयर नहीं लेना चाहते, तो आप उन्हें बेच सकते हैं, यानी rights renunciation कर सकते हैं और उससे पैसा कमा सकते हैं


📜 SEBI Rules और Process:

Rights Issue के लिए कंपनियों को SEBI के नियमानुसार कुछ चीज़ें करनी होती हैं:

  • एक Record Date तय की जाती है ताकि यह पता चल सके कि किन investors को Rights मिलेंगे

  • कंपनी एक Letter of Offer (प्रस्ताव पत्र) भेजती है, जिसमें फंड का उपयोग कहाँ होगा, यह बताया जाता है

  • यह प्रस्ताव SEBI को भी भेजा जाता है

  • Issue 15 से 30 दिन तक खुला रहता है

  • अगर किसी को application form न मिले तो वे plain paper पर भी आवेदन कर सकते हैं


📈 Financial Impact:

Rights Issue के बाद:

  • Company के पास Cash बढ़ता है

  • Market में Outstanding Shares की संख्या बढ़ जाती है

  • अगर सभी निवेशक अपने rights का उपयोग करते हैं, तो उनका ownership percentage same रहता है, बस शेयरों की गिनती बढ़ती है


✅ निष्कर्ष (Conclusion)

Rights Issue एक win-win अवसर हो सकता है:

  • कंपनी के लिए: capital raise करने का एक cost-effective तरीका

  • निवेशकों के लिए: अपने हिस्से को बनाए रखने और शेयरों को discount पर खरीदने का मौका

लेकिन ध्यान रहे – हर Rights Issue में participate करना जरूरी नहीं होता। आपको यह देखना चाहिए कि:

  • कंपनी का भविष्य उज्ज्वल है या नहीं

  • फंड्स का use सही काम में हो रहा है या नहीं

  • आपके पास उस समय invest करने की liquidity है या नहीं


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