बुक वैल्यू (Book Value) को हिंदी में "पुस्तकीय मूल्य" कहा जाता है।
बुक वैल्यू का अर्थ:
बुक वैल्यू किसी कंपनी की कुल संपत्ति (assets) में से उसकी कुल देनदारियाँ (liabilities) घटाने के बाद जो शुद्ध मूल्य (net worth) बचता है, वही बुक वैल्यू कहलाता है। इसे अक्सर कंपनी के शेयरधारकों की संपत्ति के रूप में देखा जाता है, यदि कंपनी को आज बंद कर दिया जाए तो यह वह राशि है जो शेयरधारकों को मिल सकती है।
बुक वैल्यू का सूत्र (Formula):
बुक वैल्यू = कुल संपत्ति – कुल देनदारियाँ
या
प्रति शेयर बुक वैल्यू = बुक वैल्यू ÷ कुल जारी शेयरों की संख्या
उदाहरण:
मान लीजिए किसी कंपनी की कुल संपत्ति ₹50 करोड़ है और उसकी कुल देनदारियाँ ₹20 करोड़ हैं।
तो बुक वैल्यू = ₹50 करोड़ – ₹20 करोड़ = ₹30 करोड़।
अगर कंपनी ने 10 लाख शेयर जारी किए हैं, तो प्रति शेयर बुक वैल्यू होगी:
= ₹30 करोड़ ÷ 10 लाख = ₹300 प्रति शेयर।
बुक वैल्यू का महत्व:
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निवेशक इसका उपयोग यह तय करने के लिए करते हैं कि कोई स्टॉक महँगा है या सस्ता।
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यदि किसी स्टॉक की बाजार कीमत उसकी बुक वैल्यू से कम है, तो वह अंडरवैल्यू (under-valued) माना जा सकता है।
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यह कंपनी की वित्तीय मजबूती को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है।