Intrinsic Value अंतर्निहित मूल्य "क्या है? और यह "पुस्तक मूल्य (Book Value)" से कैसे अलग है?

 

अंतर्निहित मूल्य (Intrinsic Value)" को और भी सरलता से समझते हैं और यह "पुस्तक मूल्य (Book Value)" से कैसे अलग है, यह भी जान लेते हैं।


📘 अंतर्निहित मूल्य (Intrinsic Value) क्या है?

अर्थ:
अंतर्निहित मूल्य वह "असली या वास्तविक मूल्य" है जो किसी कंपनी या उसके शेयर का होना चाहिए – यह मूल्य कंपनी की
भविष्य की कमाई, विकास की संभावना, जोखिम, और मार्केट कंडीशन जैसे कई फैक्टर को ध्यान में रखकर निकाला जाता है।

यह एक तरह का अनुमान (calculated estimate) होता है कि इस कंपनी का सच्चा मूल्य क्या होना चाहिए

🧠 उदाहरण:

मान लीजिए किसी कंपनी का एक शेयर बाजार में ₹80 में मिल रहा है, लेकिन अगर आप उसका गहराई से विश्लेषण करते हैं (future cash flow, earnings growth, risk वगैरह), तो पता चलता है कि इसका असली मूल्य ₹100 होना चाहिए।

तो इस स्थिति में:

  • अंतर्निहित मूल्य = ₹100
  • मार्केट प्राइस = ₹80
  • मतलब: शेयर "Undervalued" है → निवेश का अच्छा मौका।

📘 पुस्तक मूल्य (Book Value) क्या है?

अर्थ:
यह वह मूल्य होता है जो कंपनी की
बैलेंस शीट से मिलता है। इसे ऐसे निकाला जाता है:

📊 Book Value = Total Assets – Total Liabilities

मतलब: कंपनी के पास जितनी संपत्ति है, उसमें से सभी कर्ज घटा देने पर जो बचता है, वो उसका Book Value होता है।

यह इस बात का संकेत देता है कि अगर कंपनी बंद हो जाए, तो उसके शेयरहोल्डर्स को कितना मिलेगा।


✅ संक्षेप में:

  • 📌 Intrinsic Value = कंपनी कितनी कमा सकती हैभविष्य पर नजर
  • 📌 Book Value = कंपनी के पास अभी क्या हैवर्तमान संपत्ति पर नजर

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