📊 निवेश पर कुल कमाई को समझने का सबसे आसान तरीका :-
"अगर आपने ₹100 लगाए और ₹120 मिल गए, तो असली कमाई कितनी हुई?"
जवाब है — Holding Period Return।
निवेश की दुनिया में हम अक्सर यह सोचते हैं कि “कितना पैसा बना?” लेकिन असली सवाल यह है:
"कितने समय में, कितनी कमाई हुई?"
यही बताता है — HPR, यानी Holding Period Return।
🔍 HPR क्या होता है?
Holding Period Return (HPR) वह कुल लाभ (या हानि) है, जो आप किसी निवेश को एक निश्चित अवधि (Holding Period) तक रखने पर कमाते हैं।
यानी: आपने कितना लगाया, कितना मिला — और दोनों के बीच का अंतर प्रतिशत में।
🧮 HPR का फ़ॉर्मूला
HPR (%) = [(Final Value - Initial Investment + Income) / Initial Investment] × 100
जहां:
Final Value = निवेश की मौजूदा कीमत या बिक्री मूल्य
Initial Investment = आपने शुरुआत में कितना पैसा लगाया
Income = इस दौरान मिले डिविडेंड, ब्याज या कूपन आदि
📘 एक सरल उदाहरण:
मान लीजिए:
आपने ₹10,000 लगाए
2 साल बाद वो ₹12,000 हो गए
इस दौरान ₹500 का डिविडेंड भी मिला
तो HPR होगा:
HPR = [(12,000 - 10,000 + 500) / 10,000] × 100
= (2,500 / 10,000) × 100
= 25%
यानी आपने 2 साल में कुल 25% रिटर्न कमाया।
📆 Holding Period क्यों मायने रखता है?
हर निवेश का रिटर्न सिर्फ उसके लाभ से नहीं, समय से भी जुड़ा होता है।
₹2,000 का फायदा अगर 6 महीने में हुआ, तो बढ़िया
वही फायदा अगर 5 साल में हुआ, तो उतना दमदार नहीं
इसलिए HPR हमें बताता है कि कितने समय में, कितना असरदार रिटर्न मिला।
📊 HPR से क्या-क्या समझ सकते हैं?
✅ अलग-अलग निवेश विकल्पों की तुलना
✅ शॉर्ट टर्म vs लॉन्ग टर्म रिटर्न
✅ डिविडेंड/ब्याज को शामिल कर के सही तस्वीर
✅ पोर्टफोलियो का परफॉर्मेंस ट्रैक करना
🤔 HPR और Annualized Return में क्या फ़र्क है?
| मापदंड | HPR | Annualized Return |
|---|---|---|
समय की गणना | कुल होल्डिंग अवधि | प्रति वर्ष औसत रिटर्न |
इस्तेमाल कब करें | जब कुल अवधि छोटी या अनियमित हो | लंबे समय के निवेश के लिए |
सरलता | बहुत आसान | थोड़ा गणितीय जटिल |
📌 निवेशक के लिए HPR के फायदे
सीधे-सीधे बता देता है: "कितना कमाया?"
समय के साथ प्रदर्शन मापने में मदद करता है
हर प्रकार के निवेश पर लागू — शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, रियल एस्टेट
🔚 निष्कर्ष
Holding Period Return एक ऐसी खिड़की है जिससे आप अपने निवेश की कुल कहानी देख सकते हैं —
ना सिर्फ शुरुआत और अंत की, बल्कि बीच की कमाई की भी।
"निवेश करना जरूरी है,
लेकिन उसे समय के तराजू में तौलना और भी जरूरी है।"
🙋♂️ आपकी राय?
क्या आपने कभी अपने निवेश का HPR निकाला है?
या किसी म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन को इस तरीके से परखा है?
कमेंट करें और बताएं – और इस पोस्ट को शेयर करें उन दोस्तों के साथ, जो निवेश करते हैं लेकिन रिटर्न को सिर्फ “₹” में आंकते हैं।
📩 ब्लॉग को सब्सक्राइब करें, ताकि अगली पोस्ट सीधे आपके इनबॉक्स में पहुंचे — वो भी आसान हिंदी में!